October 16, 2024

केंद्र सरकार अपनी योजनाओं के माध्यम से निरंतर अनेक कदम उठाती रहती है, जो जनता और जन समूह के लाभ, साथ ही देश के समृद्धि के क्षेत्र में सहायक होती हैं। इसी दिशा में, यह न केवल अपने जन समूह के क्षेत्र के विकास की दिशा में कई योजनाएं शुरू करती है, बल्कि उनकी विरासत को सुरक्षित रखने के लिए भी समर्थन प्रदान करती है।

‘हमारी धरोहर’ नामक एक महत्वपूर्ण योजना के बारे में हाल ही में केंद्र सरकार ने जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका लक्ष्य हमारी भारतीय संस्कृति और कल्चर की रक्षा और संरक्षण करना है। इस योजना के क्रियांवयन के माध्यम से, भारत सरकार देश के विकास में सकारात्मक योगदान कर रही है।

इस लेख में, हम ‘हमारी धरोहर’ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, ताकि आप इस महत्वपूर्ण योजना को समझ सकें और इसके महत्वपूर्ण उद्देश्यों को समझ सकें। कृपया इस लेख को आनंद से पढ़ें और इसके माध्यम से हमारी सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को समझें और उसे सुरक्षित रखने के लिए हम सभी का सहयोग करें।

Hamari Dharohar Scheme 2023

योजना का नाम हमारी धरोहर योजना
कब शुरू हुई सन 2015
संबंधित मंत्रालय अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय
उद्देश्य अल्पसंख्यकों की विरासत और संस्कृतियों को संरक्षित करना
अधिकारिक वेबसाइट https://www.minorityaffairs.gov.in/
हेल्पलाइन नंबर N/A

हमारी धरोहर योजना क्या है?

केंद्र सरकार द्वारा अनेक योजनाएं लॉन्च की जाती हैं, जिनमें से एक योजना हमारी धरोहर के नाम से भी जानी जाती है। इस योजना को “माइनॉरिटी अफेयर्स मिनिस्ट्री” ने 2015 में लॉन्च किया था। भारत सरकार अनेकता में एकता का प्रति विश्वास रखती है, जो हमारी भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांत को दर्शाती है। भारतीय संविधान ने भारत के प्रत्येक समूह को अपने धर्म और संस्कृति को मानने का पूर्ण अधिकार प्रदान किया है। इसलिए भारत सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए “हमारी धरोहर” योजना के माध्यम से उनकी संस्कृति और विरासत को संरक्षित रखने का संकल्प किया है।

भारतीय अल्पसंख्यक समुदायों में, विशेष रूप से पारसी, ईसाई, बौद्ध, आदि के समृद्धि संस्कृति विरासत के बारे में लोगों के बीच हमेशा जागरूकता की कमी होती है। इन समुदायों की संस्कृति विरासत के बारे में पर्याप्त जानकारी से, लोग उनकी विरासत के प्रति अधिक समझ रखते हैं और उनके साथ प्रेम विकसित होता है। इससे सामाजिक मेल-जोल मजबूत होता है, लड़ाई-झगड़ों में कमी होती है, और रिश्ते मजबूत होते हैं। ऐसा होने से लोगों में विश्वास भी बढ़ता है।

हमारी धरोहर योजना का उद्देश्य (Objective)

इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय अल्पसंख्यक समूह की विरासत को संरक्षित करना है। यहां तक कि उन अल्पसंख्यक समूहों के पहले से मौजूद दस्तावेजों का भी संरक्षण इस योजना के अंतर्गत किया जाएगा। इसके साथ ही, कैलिग्राफी और अन्य कलाओं को संरक्षित करना भी इस योजना का हिस्सा होगा।

यह योजना लोगों को अल्पसंख्यकों की विरासत और संस्कृति के बारे में जागरूक करने, उनका विकास करने और उनकी प्रचीनता को सहेजने का कार्य करेगी। इसके अंतर्गत, धर्म, विरासत, और संस्कृति को सुरक्षित रखकर आने वाले पीढ़ियों को इसके महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करना भी हमारा लक्ष्य है।

हमारी धरोहर योजना की विशेषताएं और लाभ

  1. योजना की मुख्य विशेषता: यह योजना उन प्रसिद्ध क्षेत्रों को संरक्षित करेगी जो अल्पसंख्यक समूहों के संस्कृति और विरासत से जुड़े हैं।
  2. लोगों को जागरूक करना: योजना के माध्यम से अल्पसंख्यक समूहों की विरासत के बारे में लोगों को जानकारी पहुंचाने से लोग इनकी ओर आकर्षित होंगे और इनके बारे में अधिक जानेंगे।
  3. पर्यटन की संभावना: यह योजना पर्यटन को बढ़ावा देने के माध्यम से इन विरासतों के माध्यम से आने वाली आय में वृद्धि की संभावना बढ़ाएगी।
  4. आर्थिक सुधार: पर्यटन की वृद्धि से हमारे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
  5. छिपी विरासतों का प्रमोशन: योजना के माध्यम से छिपी हुई अल्पसंख्यक समूहों की विरासतों को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
  6. पुराने स्थलों का संरक्षण: मंत्रालय द्वारा पुराने स्थलों को पूरी तरह से चमकने की कोशिश की जाएगी और उनका संरक्षण किया जाएगा।
  7. नए स्थलों का विकास: जो स्थल अब तक देखे जाने नहीं गए हैं, उनका विकास भी किया जाएगा।
  8. समृद्धि की दिशा में योजना: योजना अल्पसंख्यक समूहों के विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगी।

हमारी धरोहर योजना के संबंधित मंत्रालय और भागीदार

हमारी धरोहर के अंतर्गत इस योजना में सहायता प्रदान करने वाले भागीदारों में निम्नलिखित विभागों और संगठनों को शामिल किया जा सकता है, जो इसके कार्यकलाप में सहयोग करेंगे:

  1. अल्पसंख्यकों कार्य मंत्रालय
  2. राष्ट्रीय संगृहलय, दिल्ली
  3. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
  4. भारत का राष्ट्रीय अभिलेखगर, नई दिल्ली
  5. राष्ट्रीय आधुनिक कला संगृहालय
  6. इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र
  7. यूनेस्को
  8. भारतीय राष्ट्रीय कला और संस्कृति विरासत न्यास
  9. विश्व स्मारक निधि

इन संगठनों के साथ मिलकर, हमारी धरोहर योजना को आगे बढ़ाने के लिए साझा सलाह और सहयोग किया जाएगा।

हमारी धरोहर योजना के फंड विमोचन प्रक्रिया

इस योजना के अंतर्गत फंड को तीन किस्तों में विभाजित किया गया है, जिन्हें नीचे दिए गए तीन चरणों में विमोचित किया जाएगा, जिससे आवश्यकता पाने वाले लोगों को केंद्र सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।

पहली किस्त: पहली किस्त में, संस्कृति विरासत के लिए 40% पूंजी प्रदान की जाएगी। इसे निर्माण में उपयोग करने के बाद, इस किस्त का उपयोग दूसरी किस्त के लिए निर्माण करने वाले समूह के द्वारा किया जा सकता है।

दूसरी किस्त: पहली किस्त की जांच के बाद, दूसरी किस्त 40% प्रदान की जाएगी। यह 40% उस समय प्रदान की जाएगी जब पहली किस्त का लगभग 90% उपयोग स्थल पर किया जाएगा और उसका कार्य पूरा हो जाएगा।

तीसरी किस्त: तीसरी किस्त 20% होगी और इसे प्रदान किया जाएगा जब इन दोनों किस्तों का काम पूर्ण हो जाएगा। इसका विमोचन सरकार द्वारा होगा, और यह योजना की आखिरी किस्त होगी।

हमारी धरोहर योजना का ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

  1. जब अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा विज्ञापन प्रसारित किया जाएगा, तब एक प्रस्ताव को आवश्यक फॉर्मेट में भरने के लिए आवेदन किया जा सकता है, जो आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगा।
  2. इस मंत्रालय के पास यह विकल्प होता है कि वह विशेषज्ञ संगठनों को सीधे वित्त प्रदान करके और उन्हें दिशा निर्देशों के अनुसार परियोजनाओं की सीधी सहायता प्रदान करके इन परियोजनाओं को वित्तपोषित कर सकता है, और इसे अपने विषयों में विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।
  3. मंत्रालय के पास स्थान चयन और संस्कृति रद्द करने का पूर्ण अधिकार है, और यह बिना किसी तर्क वितर्क के नहीं किया जा सकता है।
  4. मंत्रालय प्राधिकरण एजेंसी के माध्यम से संस्थानों के प्रमाणपत्र या कागजातों को सत्यापित करने के लिए कह सकता है।
  5. जब एक स्थान का चयन PIA के प्रस्ताव पर होता है, तो सचिव (अल्पसंख्यकों के कार्य) द्वारा अनुमोदन के साथ, आगे के निर्णय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

Conclusion

इस योजना के माध्यम से आज हमने बहुत सी बातें जानने का प्रयास किया है। यह योजना उन अल्पसंख्यकों के लिए है, और हमने देखा है कि इससे कैसे उनकी सांस्कृतिक विरासतें और स्थलों की सुरक्षा होगी। आपने हमारे लेख के माध्यम से जाना है कि इस योजना के तहत आने वाले भविष्य में उनकी दस्तावेज़ भी सुरक्षित रहेंगे। यह योजना “मिनॉरिटी अफेयर्स मंत्रालय” द्वारा शुरू की गई है और इसमें केवल अल्पसंख्यक समुदायों की सांस्कृतिक विरासत और संरक्षण की बात की गई है। मंत्रालय इसे पूरी तरह से समर्थन करेगा ताकि यह संरक्षित रह सके।

 

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